तो कहना !

हसाना तो सभी को आता है..

तुम हसा हसा कर रुला दो तो कहना !


पीठ पीछे बुराई करना तो सभी को आता है..

तुम सामने आके हकीक़त कह सको तो कहना !


मीठी मीठी वाणी कह तो सभी देते है..

तुम्हारा " दिल " सच्चा हो तो कहना !


दिल रखना तो सभी को आता है..

तुम दिल की दो भाषा समझ पाओ तो कहना !


सपने देखना चाहे तो सभी देख सकते है..

गर तुम उसे पूरा कर सको तो कहना !


ख़्वाब तो सभी मन में सज़ा लेते है..

तुम उस ख़्वाब को हकीक़त में बदल सको तो कहना !


यहां इन्सान तो सब ही है..

तुम अपनी इंसानियत से इन्सान बन पाओ तो कहना !


तुम अपनी ताकत का दुरुपयोग करने के बजाए,

गर तुम उसी ताक़त से किसी निर्बल को सहारा दे सको तो कहना !


दूसरो से खुद की तुलना करना से अच्छा,

गर तुम खुदसे लड़ पाओ तो कहना !


दूसरो से खुद की तारीफ सुनने से बजाए,

तुम उस तारीफ के काबिल बन सको तो कहना !


और क्या सही क्या ग़लत ये गैरों से पूछने से अच्छा,

आइने में ज़रा खुदको हिम्मत से सामने रख सको तो कहना !

                                                                -PRAGATI SAHU 

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