जरूरी नहीं हर हस्ते चेहरे पर उदासी के बादल न छाए हो जिसने अपनी चोट मुस्कुरुहटो से छुपाई हो, और जिसने मुस्कुराना ही सीख लिया हो तो सामझलेना उसने लड़ना भी सीखा होगा... जो गिर गया है,उसे खुद उठना भी होगा, जो जिंदगी से अपना ही गला घोट रहा हो " हर रात के बाद सवेरा होता है " ये उसे समझना ही होगा जिसने पत्थरों के भीड़ में हीरे तराशे होंगे, बेशक उसने कई कष्ट भी उठाए होंगे। हर अंधेरे में जिसने चमकता ' दिया ' ढूंढा होगा,और हर काटो को सहने के बाद जिसने महकता गुलाब ढूंढा होगा तो क्यों न मान लिया जाए कि हर रात के बाद सवेरा होता है क्योंकि कामयाबी की डोर तभी आसमानों को चूमती है..., जब उसने अंधेरों में चमकता जुगनू देखा होगा..... -Pragati sahu
हसाना तो सभी को आता है.. तुम हसा हसा कर रुला दो तो कहना ! पीठ पीछे बुराई करना तो सभी को आता है.. तुम सामने आके हकीक़त कह सको तो कहना ! मीठी मीठी वाणी कह तो सभी देते है.. तुम्हारा " दिल " सच्चा हो तो कहना ! दिल रखना तो सभी को आता है.. तुम दिल की दो भाषा समझ पाओ तो कहना ! सपने देखना चाहे तो सभी देख सकते है.. गर तुम उसे पूरा कर सको तो कहना ! ख़्वाब तो सभी मन में सज़ा लेते है.. तुम उस ख़्वाब को हकीक़त में बदल सको तो कहना ! यहां इन्सान तो सब ही है.. तुम अपनी इंसानियत से इन्सान बन पाओ तो कहना ! तुम अपनी ताकत का दुरुपयोग करने के बजाए, गर तुम उसी ताक़त से किसी निर्बल को सहारा दे सको तो कहना ! दूसरो से खुद की तुलना करना से अच्छा, गर तुम खुदसे लड़ पाओ तो कहना ! दूसरो से खुद की तारीफ सुनने से बजाए, तुम उस तारीफ के काबिल बन सको तो कहना ! और क्या सही क्या ग़लत ये गैरों से पूछने से अच्छा, आइने में ज़रा खुदको हिम्मत से सामने रख सको तो कहना ! -PRAGATI SAHU
Comments
Post a Comment